#गीता_प्रभुदत्त_ज्ञान_है इसी को follow करें
श्री ज्ञानानंद जी ने गीता अध्याय4श्लोक 32में ’’ब्रह्म’’ शब्द का अर्थ’’वेद’’ लिखा है जोकि गलत है क्योंकि ’’ब्रह्म’’का अर्थ’’परमात्मा’’होता है। वेद परमात्मा का संविधान है।’’ब्रह्म’’ का अर्थ ’’वेद’’
नहीं लिखना चाहिए।
Sant Rampal Ji Maharaj
#GodMorningWednesday
#गीता_प्रभुदत्त_ज्ञान_है
तज पाखण्ड सत नाम लौ लावै, सोई भव सागर से तरियाँ । कह कबीर मिले गुरू पूरा, स्यों परिवार उधरियाँ ।।
🌹अधिक जानकारी के लिए Satlok Aashram Youtube Channel पर Visit करें |
#गीता_प्रभुदत्त_ज्ञान_है इसी को follow करें
सनातन धर्म के आधार ग्रंथ गीता जी के अध्याय 16 श्लोक 23 में लिखा है जो पुरुष यानी साधक शास्त्र विधि को त्याग कर अपनी इच्छा से मनमाना आचरण करता है वह न सिद्धि को प्राप्त होता है.
Sant Rampal Ji Maharaj
#GodMorningWednesday
#गीता_प्रभुदत्त_ज्ञान_है
कबीर, साधु शब्द समुद्र है, जामें रतन भराय। मन्द भाग मुट्टी भरै, कंकर हाथ लगाय।।
कबीर परमेश्वर जी कहते है साधु शब्द ही नही बलक ज्ञान रूपी समुद्र के समान हैं जिसमे सद्गुणों के रत्न भरे हुए है परन्तु अज्ञानी लोग ऐसे सन्तों के मिलने
#गीता_प्रभुदत्त_ज्ञान_है इसी को follow करें
पवित्र गीता अध्याय 7 शोक 12 से 15, 20 से 23 में कहा है कि तीनों गुणो की पूजा करने वाले रक्षा स्वभाव को धारण किए हुए मनुष्य में नीच, दुषित कर्म करने वाले, मूर्ख हैं इसीलिए हमें शास्त्र अनुकुल साधना करनी चाहिए।
Sant Rampal Ji Maharaj
#गीता_प्रभुदत्त_ज्ञान_है इसी को follow करें
श्री ज्ञानानंद जी ने गीता अध्याय4श्लोक 32में ’’ब्रह्म’’ शब्द का अर्थ’’वेद’’ लिखा है जोकि गलत है क्योंकि ’’ब्रह्म’’का अर्थ’’परमात्मा’’होता है। वेद परमात्मा का संविधान है।’’ब्रह्म’’ का अर्थ ’’वेद’’
नहीं लिखना चाहिए।
Sant Rampal Ji Maharaj
#GodMorningWednesday
#गीता_प्रभुदत्त_ज्ञान_है
कबीर परमेश्वर जी कहते है साधु, शब्द ही नही बलक ज्ञान रूपी समुद्र के समान हैं जिसमे सद्गुणों के रत्न भरे हुए है परन्तु अज्ञानी लोग ऐसे सन्तों के मिलने पर भी मुट्ठी भर कंकर ही ले जा है।
#गीता_प्रभुदत्त_ज्ञान_है इसी को follow करें
श्री ज्ञानानंद जी ने गीता अध्याय4श्लोक 32में ’’ब्रह्म’’ शब्द का अर्थ’’वेद’’ लिखा है जोकि गलत है क्योंकि ’’ब्रह्म’’का अर्थ’’परमात्मा’’होता है। वेद परमात्मा का संविधान है।’’ब्रह्म’’ का अर्थ ’’वेद’’
नहीं लिखना चाहिए।
Sant Rampal Ji Maharaj
#गीता_प्रभुदत्त_ज्ञान_है
गीता के गूढ़ रहस्य
अविनाशी प्रभु तो गीता ज्ञान दाता से अन्य है
अध्याय 2 के श्लोक 10-16 में गीता ज्ञान दाता काल भगवान ने कहा है कि अर्जुन ! हम सब जन्म-मरण में हैं श्लोक 17 में कहा है कि वास्तव में अविनाशी तो उसी परमेश्वर को जान जिसका कोई नाश नहीं कर सकता
Those, who consider only themselves to be superior, intoxicated by wealth & honour, perform religious rituals only in name for ostentation, without following the injunctions of the scriptures.
Bhagavad Gita 16:17
#गीता_प्रभुदत्त_ज्ञान_है इसी को follow करें
#SantRampalJiMaharaj
#गीता_प्रभुदत्त_ज्ञान_है इसी को follow करें
Shrimad Bhagwat Gita chapter 15, verse 1 Tatvadarshi Sant is the one, who lets us know all the parts of the inverted worldly peepal tree, beginning with the roots and going on till the leaves, taking our holy books as the base (1/2),
#गीता_प्रभुदत्त_ज्ञान_है इसी को follow करें
Sant Rampal Ji Maharaj अधिक जानने के लिए अवश्य देखें साधना चैनल 7:30 बजे
सनातन धर्म के आधार ग्रंथ गीता जी के अध्याय 16 श्लोक 23 में लिखा है जो पुरुष यानी साधक शास्त्र विधि को त्याग कर अपनी इच्छा से मनमाना आचरण करता है वह न सिद्धि को प्राप्त होता है न परम गति यानी पूर्ण मोक्ष को और ना सुख को ही
#गीता_प्रभुदत्त_ज्ञान_है इसी को follow करें
Gita Adhyay 18 Shlok 47
One's own dharm i.e. religious worship which is in accordance with the injunctions of scriptures is superior to another's dharm which is devoid of qualities and is arbitrary.
#गीता_प्रभुदत्त_ज्ञान_है इसी को follow करें
- Sant Rampal Ji Maharaj
🤷🏻♂️कुछ धर्म गुरुओं का कहना है किसी भी भक्ति साधना से पाप नहीं कट सकते।
💁🏻♂️जबकि संत रामपाल जी ने गीता जी में (गीता अध्याय 3 श्लोक 13) प्रमाणित किया है कि पूर्ण परमेश्वर की भक्ति करने से साधक पाप मुक्त हो जाता है।
#GodNightTuesday
#गीता_प्रभुदत्त_ज्ञान_है