कबीर परमेश्वर जी कहते है प्रीती उसी से करना चाहिए जो अपने समान आचार-विचार वाला शुद्ध हृदय मे कपट ना हो, विश्वासी और गंभीर (सत्य पर अटल) हो। यदि कभी भूलवश किसी प्रकार का अनुचित व्यवहार भी हो जाये तो वह उचित गुण को ही अपने हृदय में स्थान दे!
#satlokashrammundka
#KabirisGod
कबीर परमेश्वर जी कहते है प्रीती उसी से करना चाहिए जो अपने समान आचार-विचार वाला शुद्ध हृदय मे कपट ना हो, विश्वासी और गंभीर (सत्य पर अटल) हो। यदि कभी भूलवश किसी प्रकार का अनुचित व्यवहार भी हो जाये तो वह उचित गुण को ही अपने हृदय में स्थान दे!
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#धरती_को_स्वर्ग_बनाना_है
Sant Rampal Ji Maharaj teaches human beings to be kind towards everyone, without the bias of caste, creed or religion and is here to show the ultimate path of salvation.
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#SatlokAshramMundka
दशवाँ अंश गुरु को दीजै। जीवन जन्म सफल कर लीजे ।। गुरु बिन होम यज्ञ नहिं कीजे। गुरु की आज्ञा माहिं रहीजे ।। #SatlokAshramMundka #KabirisGod
कबीर, झीनी माया जिन तजी, मोटी गई बिलाय । ऐसे जन के निकट से, सब दुःख गये हिराय ।।
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#KabirisGod
कबीर, साधु शब्द समुद्र है, जामें रतन भराय।
मन्द भाग मुट्ठी भरै, कंकर हाथ लगाय।।
#SatlokAshramMundka
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दशवाँ अंश गुरु को दीजै। जीवन जन्म सफल कर लीजे ।।
गुरु बिन होम यज्ञ नहिं कीजे। गुरु की आज्ञा माहिं रहीजे ।।
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कबीर, साधु शब्द समुद्र है, जामें रतन भराय।
मन्द भाग मुट्ठी भरै, कंकर हाथ लगाय।।
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#KabirisGod
निन्दक एकहु मति मिले, पापी मिले हजार।
इस निन्दक के शीश पर, लाख पाप का भार ।।
#SatlokAshramMundka
#KabirisGod #SaintRampalJi
निन्दक एकहु मति मिले, पापी मिले हजार।
इस निन्दक के शीश पर, लाख पाप का भार ।।
#SatlokAshramMundka
#KabirIsGod
निन्दक एकहु मति मिले,
पापी मिले हजार।
इस निन्दक के शीश पर, लाख पाप का भार ।।
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#SatlokAshramMundka
#KabirIsGod 🙇♂️
निन्दक एकहु मति मिले, पापी मिले हजार।
इस निन्दक के शीश पर, लाख पाप का भार ।।
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